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" आखरी पल है "

" आखरी पल है "  

आखरी पल है आँखों में कुछ तस्वीरें आ रही है
वक़्त की दास्ताँ और प्यार की तकरीरें सुना रही है

मेरे बचपन की यादें वो हसना वो खिलना 
वो कंचों की मस्ती वो पतंगों का लड़ना
बारिश के पानी में गिरना संभलना
सर्दी के मौसम में सिहरना ठिठुरना
क्यों भूली सी बातें मुझे याद आ रही है 

मुझे याद है वो किताबों के दिन
वो आपस की मस्ती बेहिसाबों के दिन
वो यारों की खातिर फिर लड़ना झगड़ना
किसी की आँखों में दिल का फिसलना
वो दिलकश सी यादें दिल को धड़का रही है 

था पहला कदम और कॉलेज की बेपर्वाहीयां
वो जज़बे जूनून मोहब्बत की अंगड़ाइयाँ
उस खिड़की के शीशे से चुपके से तकना
दिल पे तेरा मेरा नाम वो बैंचों पे लिखना
वो इशक में डूबी बातें क्यों तड़पा रही है

मंजिल के लिए फिर राहों को चुनना
उम्मीदों से जुड़े सपनो को बुनना
कई ठोकरों के बाद फिर से संभलना
बिखरी सी हिम्मत को समेट कर चलना
वो जूनून से भरी निगाहें क्यों इतरा रही है

वक़्त की चल में अपनों की बेरुखी
हिम्मत थी संजोनी पर नज़रे थी झुकी
फिर बारी बारी उन हाथो का बिछड़ना
ज़िंदगी के वादों को पल भर में मुकरना
क्यों ये बातें मेरी सांसो को अटका रही है

आखरी पल है आँखों में कुछ तस्वीरें आ रही है
वक़्त की दास्ताँ और प्यार की तकरीरें सुना रही है 

आरज़ू-ए- अर्जुन



     

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