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Showing posts from August, 2014

तिरंगा

तिरंगा इतना ख़ून से सींचा तब यह सुकूने आज़ादी मिली है हमको रुख्सत हुए हैं इस यकीन से के जान सौप दी है तुमको, श्रद्धा सुमन करना तुम अर्पित जब भी तिरंगा लहराए यारो, बड़ी  सुकून की  नींद मिली है  जब लिपटा इसमें पाया खुदको ( आरज़ू )