ग़ज़ल
फिर वही बात हो गई है
तुमसे मुलाकात हो गई है
सूखे सूखे थे अश्क़ आखों में
आज बरसात हो गई है
दिन गुजरता था आँखों आँखों में
दिन से आज रात हो गई है
देखा था चेहरा कब आईने में
सदियों की बात हो गई है
सुलगे थे अरमां प्यार में तेरे
जल के आज राख हो गई है
तुमसे मुलाकात हो गई है......
आरज़ू-ए-अर्जुन
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