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( कव्वाली )इक नज़र करम की करदे ओ लाखो पे करने वाले


( कव्वाली )
मैंने सुना है तेरे दर पे बिगड़ी तकदीर बनती है
तेरे बन्दों के दिल में तेरी तस्वीर बनती है
मै भी अपनी तकदीर तुझसे लिखवाने आया हूँ
पढ़ले चेहरे पे मेरे तूं  इसपे  फरियाद बनती है

इक नज़र करम की करदे ओ लाखो पे करने वाले
इक मेहर इधर भी करदे ओ लाखों पे करने वाले

मै  दर पे तेरे आया हूँ और झोली खाली लाया हूँ
तूं झोली मेरी भर दाता मुझपे भी करम अब कर दाता
मै भी तो तेरा बंदा हूँ मेरी मुश्किल भी हर दाता
मै भी तकदीर का मारा हूँ किस्मत रोशन करने वाले
इक नज़र करम की करदे ओ लाखो पे करने वाले
इक मेहर इधर भी करदे ओ लाखों पे करने वाले

शिर्डी की कसम तुझे है साईं हमपर भी रहमत कर साईं
हमने भी आवाज़ लगाईं है तेरे दर पे हमारी दुहाई है
 रोशन कर दो मेरी राहें तकदीर ने लॉ बुझाई है
खाली हाथ न भेज मुझे तुम  ओ झोली को भरने वाले
इक नज़र करम की करदे ओ लाखो पे करने वाले
इक मेहर इधर भी करदे ओ लाखों पे करने वाले 

अपनी आँखे भी खोल साईं अब तो मुह से कुछ बोल साईं
बड़ी दूर से दर तेरे आया हूँ  चाक-ए- जिगर को लाया हूँ
मन की बातें पढ़ने वाले मई कितने फ़साने लाया हूँ
मेरी मुश्किल भी हल कर दे ओ लोगो की करने वाले
इक नज़र करम की करदे ओ लाखो पे करने वाले
इक मेहर इधर भी करदे ओ लाखों पे करने वाले                  ( आरज़ू )
 





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