( अनकही सी )
हमें शिकायत थी उनके खामोश लबों से
और नम आँखों से,
नहीं जानते थे होंटों का थरथराना क्या होता है
आँखों का नम हो जाना क्या होता है
उसने जाने कितने सुलगते अंगारों को
सीने में छुपा रखा था
नहीं जानते थे ग़म को भुला कर
मुस्कुराना क्या होता है
हमने जब भी उसे देखा पुरनम सा
मुस्कुराता हुआ सा देखा
मुस्कुराता हुआ सा देखा
नहीं जानते थे छलकती
आँखों से मुस्कुराना क्या होता है
हर इलज़ाम को उसने सिर-माथे लिया होगा
उसकी ख़ामोशी का क्या मोल लगा दिया होगा
नहीं जानते थे मोहब्बत में खुदका
नीलाम हो जाना क्या होता है
इजहारे मोहब्बत करना तो
फिर भी आसान था ऐ आरज़ू
नहीं जानते थे प्यार दिल में छुपा के
सिसक जाना क्या होता है
( आरज़ू )
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