( इंतज़ार )
जाने उसका इतना इंतज़ार क्यों है
जाने यह दिल इतना बेकरार क्यों है
एक लम्हे में सिमट रही है यह जिंदगी
जाने इसकी इतनी तेज़ रफ़्तार क्यों है
हसरत है उन्हें देखते रहें यूँ ही उम्र भर
पर हरपल ये आंखे इतनी सुर्ख़सार क्यों है
हर आरज़ू सिमट जाती है उसकी बाँहों में आकर
यह आरज़ू एक ज़र्रा और वो आफ़ताब क्यों है
क्यों उड़ के उसे पाने की कोशिश करता हूँ मैं
उस सितारे की दूरी इतने मील हज़ार क्यों है
आती है आहट तो धड़क जाता है यह दिल
जाने उसका इतना इंतज़ार क्यों है
न जाने मुझे उससे इतना प्यार क्यों है
(आरज़ू)
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