( कशिश )
आज मिली है थोड़ी फुरसत तो थोडा सा जी लूँ
जिंदगी गुज़र गई है फ़र्ज़ निभाने में
आज हुई है वो बारिश तो चंद बूंदें पी लूँ
बहुत तदपा हूँ मैं यह प्यास बुझाने में
करीब दिखाई दी है मंजिल तो थोडा सा थम लूँ
बहुत दौड़ा हूँ इस मंज़िल को पाने में
हो गए आज हर दर्द से आज़ाद तो थोडा मुस्कुरा लूँ
बड़ा दर्द है यूँ आंसू बहाने में
आज मिला है मौका तो नज़रें मिला लूँ
क्या रखा है यूँ आँखे चुराने में
जब मिली है जिंदगी तो जी भर के जी लूँ
क्या फायदा इसे व्यर्थ गंवाने में
(आरज़ू )
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