ग़ज़ल
चले भी आओ अब तन्हाँ रहा जाता नहीं है
बिना तेरे मेरे दिल को करार आता नहीं है
जहाँ देखूँ तुम्हें देखूँ तुम्हीं तुम हो सनम मेरे
कहाँ बोलूँ मेरे दिलबर जहाँ दिखता तू नहीं है
ये रातें भी ये दिन मेरे बुलाते हैं मुझे हँसके
चले भी आओ अब तन्हाँ रहा जाता नहीं है
बिना तेरे मेरे दिल को करार आता नहीं है
जहाँ देखूँ तुम्हें देखूँ तुम्हीं तुम हो सनम मेरे
कहाँ बोलूँ मेरे दिलबर जहाँ दिखता तू नहीं है
ये रातें भी ये दिन मेरे बुलाते हैं मुझे हँसके
हवाओं को फ़िज़ाओं को कहूँ अब क्या तू नहीं है
है उलझी सी मेरी धड़कन ख़ुदी से हो रही बातें
ये दिल मेरा मुझी से अब है कह रहा तू कहीं है
इन होटों पे ख़ामोशी है तबस्सुम भी ज़रा चुप है
सभी शामिल हैं महफ़िल में कोई दिखता क्यों नहीं है
अभी सांसे हैं कुछ बाकी वोपल ठहरा है सीने में
ज़रा जल्दी से आओ अब ये पल रुकता नहीं है
आरज़ू-ए-अर्जुन
है उलझी सी मेरी धड़कन ख़ुदी से हो रही बातें
ये दिल मेरा मुझी से अब है कह रहा तू कहीं है
इन होटों पे ख़ामोशी है तबस्सुम भी ज़रा चुप है
सभी शामिल हैं महफ़िल में कोई दिखता क्यों नहीं है
अभी सांसे हैं कुछ बाकी वोपल ठहरा है सीने में
ज़रा जल्दी से आओ अब ये पल रुकता नहीं है
आरज़ू-ए-अर्जुन
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