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प्रेम गीत 

प्रेम गीत
22 22 22 22

आओ फिर से वो काम करें
दिल की दुनिया में नाम करें
आ तुझे बना दूँ राधा मैं
और खुद को कान्हा शाम करें

तेरी आँखें हों एक मयख़ाना
मेरी आँखें हों एक पैमाना
मदहोश सा हो जाए हर लम्हा
हर नज़र को नज़र-ए-जाम करें

हो गरज़ किसी की न बाकी
मुझको संभालो ना साकी
मैं बहक जाऊँ तो बहकनें दो
लोगों में चर्चा आम करें

चल हाथ पकड़कर साथ चलें
अबके बिरह में न जलें
ये दिल और ये धडकन भी
चल एक दूजे के नाम करें

इस आरज़ू का कल क्या पता
रहेगा भी कोई नामों निशान
आ कर गुजरें कुछ ऐसा हम
पूरी दुनिया हमको याद करे

आरज़ू

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