"अब ये दिल धड़कता नहीं है"
वो खिड़की बंद सी रहती है शायद
अब कोई उसे खोलता नहीं है
एक रौशनी बहती सी रहती है
उनके शीशों से बाहर तक
उस लोहे की जाली से छनकर
गली में बह जाती है।
अब मेरी धड़कने काबू में तो है
पर ये दिल ग़मज़दा है जाने क्यों।
बड़ा सुकून मिलता था दिल को
जब वो खिड़की काली सी दिखती थी
वो झांकती थी खिड़की से
बत्तियाँ बुझाकर मुझको।
ख़बर हो जाती थी
वो सामने कहीं है।
पर आज रौशन तो है वो खिड़की
पर वो दिलकश अँधेरा नहीं है
अब वो खिड़की के पीछे नहीं है
अब वो शायद कहीं नहीं है
अब ये दिल धड़कता नहीं है
आरज़ू-ए-अर्जुन
वो खिड़की बंद सी रहती है शायद
अब कोई उसे खोलता नहीं है
एक रौशनी बहती सी रहती है
उनके शीशों से बाहर तक
उस लोहे की जाली से छनकर
गली में बह जाती है।
अब मेरी धड़कने काबू में तो है
पर ये दिल ग़मज़दा है जाने क्यों।
बड़ा सुकून मिलता था दिल को
जब वो खिड़की काली सी दिखती थी
वो झांकती थी खिड़की से
बत्तियाँ बुझाकर मुझको।
ख़बर हो जाती थी
वो सामने कहीं है।
पर आज रौशन तो है वो खिड़की
पर वो दिलकश अँधेरा नहीं है
अब वो खिड़की के पीछे नहीं है
अब वो शायद कहीं नहीं है
अब ये दिल धड़कता नहीं है
आरज़ू-ए-अर्जुन
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