आदाब
प्यार में ग़म हज़ार रहते हैं
लोग फिर भी तैयार रहते हैं
आस्तीनो को देख लेना तुम
नाग भी बेशुमार रहते हैं
वो कयामत सी ढ़ा गए थे क्यों
आज तक बेकरार रहते हैं
सांस लेना हुआ मुहाल यहाँ
यार गर्द-ओ-गुबार रहते हैं
आज एक नौकरी की हसरत में
लोग अब दस हज़ार रहते हैं
जो सदाकत को भूल जाते हैं
वो सदा शर्मसार रहते हैं
बात दिल की किसी से मत कहना
अब किधर राज दार रहते हैं
काफ़िले है मगर सफ़र तन्हा
बस अकेले से यार रहते हैं
मुस्कुराते हैं आरज़ू कैसे
जो ग़मों के शिकार रहते हैं
आरज़ू -ए-अर्जुन
प्यार में ग़म हज़ार रहते हैं
लोग फिर भी तैयार रहते हैं
आस्तीनो को देख लेना तुम
नाग भी बेशुमार रहते हैं
वो कयामत सी ढ़ा गए थे क्यों
आज तक बेकरार रहते हैं
सांस लेना हुआ मुहाल यहाँ
यार गर्द-ओ-गुबार रहते हैं
आज एक नौकरी की हसरत में
लोग अब दस हज़ार रहते हैं
जो सदाकत को भूल जाते हैं
वो सदा शर्मसार रहते हैं
बात दिल की किसी से मत कहना
अब किधर राज दार रहते हैं
काफ़िले है मगर सफ़र तन्हा
बस अकेले से यार रहते हैं
मुस्कुराते हैं आरज़ू कैसे
जो ग़मों के शिकार रहते हैं
आरज़ू -ए-अर्जुन
Comments
Post a Comment