"मैं तेरी ज़िंदगी हूँ "
मैं तेरी आंखों का पानी हूँ
मैं तेरे ख़ाब की रवानी हूँ
मैं तेरे होटों की खिलती हसी
मैं तेरी खिलती जवानी हूँ
राज़ हूँ चुभता हुआ कोई मैं
मैं तेरी चलती कहानी हूँ
मैं तेरी ज़िंदगी हूँ, ज़िंदगी हूँ, ज़िदगानी हूँ ...
मायूसी हूँ कभी मैं, हौसला भी हूँ तेरा
लहरों सी चलती हूँ मैं, हूँ खुशी की एक सबा,
ढ़ल रही हूँ आफ़ताब सी, चांद भी हूँ मैं तेरा
हूँ अंधेरी रात भी मैं, खुशनुमा सी हूँ सुबह,
मैं तेरे वक्त की निशानी हूँ, मैं तेरी चलती कहानी हूँ,
मैं तेरी ज़िंदगी हूँ, ज़िंदगी हूँ, ज़िदगानी हूँ....
सहरा की धूप हूँ मैं, पीपल की छाँव भी
हूँ सराब रेत सी मैं, शबनमी सा जाम भी,
मैं खि़जा की आहट भी हूँ, मैं फ़िज़ा की आह भी
थक रही हूँ दिन के जैसी, हूँ सुकूँ की शाम भी,
मैं तेरे माथे का पानी हूँ, मैं तेरी चलती कहानी हूँ
मैं तेरी ज़िंदगी हूँ, ज़िंदगी हूँ, ज़िदगानी हूँ....
आरज़ू -ए-अर्जुन
मैं तेरी आंखों का पानी हूँ
मैं तेरे ख़ाब की रवानी हूँ
मैं तेरे होटों की खिलती हसी
मैं तेरी खिलती जवानी हूँ
राज़ हूँ चुभता हुआ कोई मैं
मैं तेरी चलती कहानी हूँ
मैं तेरी ज़िंदगी हूँ, ज़िंदगी हूँ, ज़िदगानी हूँ ...
मायूसी हूँ कभी मैं, हौसला भी हूँ तेरा
लहरों सी चलती हूँ मैं, हूँ खुशी की एक सबा,
ढ़ल रही हूँ आफ़ताब सी, चांद भी हूँ मैं तेरा
हूँ अंधेरी रात भी मैं, खुशनुमा सी हूँ सुबह,
मैं तेरे वक्त की निशानी हूँ, मैं तेरी चलती कहानी हूँ,
मैं तेरी ज़िंदगी हूँ, ज़िंदगी हूँ, ज़िदगानी हूँ....
सहरा की धूप हूँ मैं, पीपल की छाँव भी
हूँ सराब रेत सी मैं, शबनमी सा जाम भी,
मैं खि़जा की आहट भी हूँ, मैं फ़िज़ा की आह भी
थक रही हूँ दिन के जैसी, हूँ सुकूँ की शाम भी,
मैं तेरे माथे का पानी हूँ, मैं तेरी चलती कहानी हूँ
मैं तेरी ज़िंदगी हूँ, ज़िंदगी हूँ, ज़िदगानी हूँ....
आरज़ू -ए-अर्जुन
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