आदाब
हाज़रीन, नाज़रीन
हुस्न वाले कहाँ होते किसी के
कभी तेरी कभी मेरी गली के
ज़रा सा दिल लगा के देख लेना
रहोगे काम के ना फिर किसी के
सभी के सामने पड़ता है हसना
हुनर सीखो अभी तुम आशिक़ी के
तुम्हें तकलीफ़ होगी रौशनी से
सुकूँ पहलू में होगा तीरगी के
लहू के घूँट भी पीने पड़ेगे
अभी दीवानें से हो मयकशी के
तेरी यह शादमानी कुछ पलों की
सफ़र में तुम भी हो अब ज़िंदगी के
जहाँ देखो वहाँ आलूदगी है
दिवाने अब कहाँ है सादगी के
मुसलसल दौर ऐसा चल रहा है
बनें हैं दास हम टेकनाॅलजी के
चलो छोड़ो झमेले यार सब यह
यहाँ लूटो मज़े तुम ज़िंदगी के
डराता मैं नहीं यह 'आरज़ू ' है
मज़े लेता हूँ मैं भी आश़िकी के
आरज़ू -ए-अर्जुन
हाज़रीन, नाज़रीन
हुस्न वाले कहाँ होते किसी के
कभी तेरी कभी मेरी गली के
ज़रा सा दिल लगा के देख लेना
रहोगे काम के ना फिर किसी के
सभी के सामने पड़ता है हसना
हुनर सीखो अभी तुम आशिक़ी के
तुम्हें तकलीफ़ होगी रौशनी से
सुकूँ पहलू में होगा तीरगी के
लहू के घूँट भी पीने पड़ेगे
अभी दीवानें से हो मयकशी के
तेरी यह शादमानी कुछ पलों की
सफ़र में तुम भी हो अब ज़िंदगी के
जहाँ देखो वहाँ आलूदगी है
दिवाने अब कहाँ है सादगी के
मुसलसल दौर ऐसा चल रहा है
बनें हैं दास हम टेकनाॅलजी के
चलो छोड़ो झमेले यार सब यह
यहाँ लूटो मज़े तुम ज़िंदगी के
डराता मैं नहीं यह 'आरज़ू ' है
मज़े लेता हूँ मैं भी आश़िकी के
आरज़ू -ए-अर्जुन
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