आदाब
अश्क़ यूँ ही बहाने से क्या फायदा
दिल खुदी का जलाने से क्या फायदा
कर मुहब्बत का इज़हार खुल के ज़रा
प्यार दिल में छुपाने से क्या फा़यदा
तीरगी. ना मिटे जब दिलों से यहाँ
हाथ यूँ ही मिलाने से क्या फायदा
शेर तेरे सभी आज उलझे से हैं
धुन कोई गुनगुनाने से क्या फायदा
बात दिल की तेरी जब ज़ुबाँ पे नहीं
होंट के थरथराने से क्या फायदा
ज़िंदगी में तेरी जब सुकूँ ही नहीं
तो करोड़ों कमाने से क्या फायदा
जब पता ही न हो चल रहें किस तरफ
फिर कदम को बढ़ाने से क्या फायदा
दो कदम साथ में चल सके ना तेरे
यार ऐसा बनाने से क्या फायदा
जिस्म की भूख है हर तरफ हर जगह
गंदगी यूँ फैलाने से क्या फायदा
आरज़ू चल यहाँ से सफ़र पे निकल
पैर को डगमगाने से क्या फायदा
आरज़ू -ए-अर्जुन
अश्क़ यूँ ही बहाने से क्या फायदा
दिल खुदी का जलाने से क्या फायदा
कर मुहब्बत का इज़हार खुल के ज़रा
प्यार दिल में छुपाने से क्या फा़यदा
तीरगी. ना मिटे जब दिलों से यहाँ
हाथ यूँ ही मिलाने से क्या फायदा
शेर तेरे सभी आज उलझे से हैं
धुन कोई गुनगुनाने से क्या फायदा
बात दिल की तेरी जब ज़ुबाँ पे नहीं
होंट के थरथराने से क्या फायदा
ज़िंदगी में तेरी जब सुकूँ ही नहीं
तो करोड़ों कमाने से क्या फायदा
जब पता ही न हो चल रहें किस तरफ
फिर कदम को बढ़ाने से क्या फायदा
दो कदम साथ में चल सके ना तेरे
यार ऐसा बनाने से क्या फायदा
जिस्म की भूख है हर तरफ हर जगह
गंदगी यूँ फैलाने से क्या फायदा
आरज़ू चल यहाँ से सफ़र पे निकल
पैर को डगमगाने से क्या फायदा
आरज़ू -ए-अर्जुन
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