आदाब
गुलशन में मुहब्बत के फूलों को महकने दे
चाहत की फिज़ाओं में बहका हूँ बहकनें दे
रोको न मुझे यारो, टोको न मुझे यारो
पीली है ज़रा मैने, बहला हूँ बहलने दे
महफ़िल में यहाँ मैने, देखें हैं सभी तन्हा
होटों पे हसी फिर भी बिखरी है बिखरनें दे
तड़पे हैं यहाँ हम भी उल्फत में सनम मेरे
मिलती है अगर राहत अर्जुन को तो मिलने दे
आरज़ू -ए-अर्जुन
गुलशन में मुहब्बत के फूलों को महकने दे
चाहत की फिज़ाओं में बहका हूँ बहकनें दे
रोको न मुझे यारो, टोको न मुझे यारो
पीली है ज़रा मैने, बहला हूँ बहलने दे
महफ़िल में यहाँ मैने, देखें हैं सभी तन्हा
होटों पे हसी फिर भी बिखरी है बिखरनें दे
तड़पे हैं यहाँ हम भी उल्फत में सनम मेरे
मिलती है अगर राहत अर्जुन को तो मिलने दे
आरज़ू -ए-अर्जुन
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