आदाब हाज़रीन
ख्वाब ही मेरा जगाता है मुझे
चलते रहना, यह बताता है मुझे
रास्ते आसाँ नहीं होंगे यहाँ
हौसला भी वो दिलाता है मुझे
चार पैसे जोड़ लो यह वाक्या
अब हसाता गुदगुदाता है मुझे
है मदारी आज पैसा 'आरज़ू '
हर गली में यह नचाता है मुझे
आरज़ू
ख्वाब ही मेरा जगाता है मुझे
चलते रहना, यह बताता है मुझे
रास्ते आसाँ नहीं होंगे यहाँ
हौसला भी वो दिलाता है मुझे
चार पैसे जोड़ लो यह वाक्या
अब हसाता गुदगुदाता है मुझे
है मदारी आज पैसा 'आरज़ू '
हर गली में यह नचाता है मुझे
आरज़ू
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