ग़ज़ल
मात्रा : 122 122 122 122 ( फऊलुन )
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मुझे दिल में अपने बसा कर तो देखो
मेरे दिल से दिल को लगा कर तो देखो
सफर ज़िंदगी का सुहाना लगेगा
मेरे साथ राहों पे आकर तो देखो
ये कांटें तुम्हें फूल जैसे लगेंगें
ज़रा मेरे पीछे ही आकर तो देखो
तुम्हारे ख्यालों की दुनियाँ बदल दूँ
निगाहों में अपनी बसाकर तो देखो
ग़मों से जो अबतक बहायें हैं आंसू
ख़ुशी के भी मोती गिराकर तो देखो
खुदा की क़सम मैं भुला दूँ जहाँ को
मुझे तुम गले से लगाकर तो देखो
तुम्हारे लिए जान दे दूँ ख़ुशी से
मुझे बात दिल की बता कर तो देखो
नहीं बेवफ़ा मैं बता दूँगा तुमको
मुझे तुम कभी आज़माकर तो देखो
है मैंने मुहब्ब्त वफ़ा से निभाई
मेरे साथ तुम भी निभाकर तो देखो
तुम्हें आरज़ू सा न दूजा मिलेगा
मेरे साथ दुनियां बसाकर तो देखो
आरज़ू-ए-अर्जुन
मात्रा : 122 122 122 122 ( फऊलुन )
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मुझे दिल में अपने बसा कर तो देखो
मेरे दिल से दिल को लगा कर तो देखो
सफर ज़िंदगी का सुहाना लगेगा
मेरे साथ राहों पे आकर तो देखो
ये कांटें तुम्हें फूल जैसे लगेंगें
ज़रा मेरे पीछे ही आकर तो देखो
तुम्हारे ख्यालों की दुनियाँ बदल दूँ
निगाहों में अपनी बसाकर तो देखो
ग़मों से जो अबतक बहायें हैं आंसू
ख़ुशी के भी मोती गिराकर तो देखो
खुदा की क़सम मैं भुला दूँ जहाँ को
मुझे तुम गले से लगाकर तो देखो
तुम्हारे लिए जान दे दूँ ख़ुशी से
मुझे बात दिल की बता कर तो देखो
नहीं बेवफ़ा मैं बता दूँगा तुमको
मुझे तुम कभी आज़माकर तो देखो
है मैंने मुहब्ब्त वफ़ा से निभाई
मेरे साथ तुम भी निभाकर तो देखो
तुम्हें आरज़ू सा न दूजा मिलेगा
मेरे साथ दुनियां बसाकर तो देखो
आरज़ू-ए-अर्जुन
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