ग़ज़ल
मात्रा : 2122 1212 22
अर्कान : फ़ाइलातुन , मुफाईलुन, फेलुन
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आँख मेरी अभी भरी सी है।
ज़िंदगी में तेरी कमी सी है ।।
जल रही थी वफ़ा शमां बनके ।
रात से वो बुझी बुझी सी है ।।
याद आती नहीं तेरी यूँ ही ।
हर घडी याद मयकशी सी है ।।
चाहतों को तबाह कर दो तुम ।
आशिक़ी गन्दगी बनी सी है ।।
मर रहे हैं यहाँ सभी या रब ।
ज़िन्दगी मौत से बुरी सी है ।।
ख़ौफ़ खाता नहीं यहाँ कोई ।
हर तरफ़ आग लग चुकी सी है ।।
लाश ढोते सभी यहाँ फिर भी ।
हर घडी ज़िन्दगी नयी सी है ।।
' आरज़ू ' तो नहीं मरेगा अब ।
साँस मेरी ये शायरी सी है ।।
आरज़ू-ए-अर्जुन
मात्रा : 2122 1212 22
अर्कान : फ़ाइलातुन , मुफाईलुन, फेलुन
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आँख मेरी अभी भरी सी है।
ज़िंदगी में तेरी कमी सी है ।।
जल रही थी वफ़ा शमां बनके ।
रात से वो बुझी बुझी सी है ।।
याद आती नहीं तेरी यूँ ही ।
हर घडी याद मयकशी सी है ।।
चाहतों को तबाह कर दो तुम ।
आशिक़ी गन्दगी बनी सी है ।।
मर रहे हैं यहाँ सभी या रब ।
ज़िन्दगी मौत से बुरी सी है ।।
ख़ौफ़ खाता नहीं यहाँ कोई ।
हर तरफ़ आग लग चुकी सी है ।।
लाश ढोते सभी यहाँ फिर भी ।
हर घडी ज़िन्दगी नयी सी है ।।
' आरज़ू ' तो नहीं मरेगा अब ।
साँस मेरी ये शायरी सी है ।।
आरज़ू-ए-अर्जुन
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