ग़ज़ल
मात्रा ( 2121 2121 1122 या (2121))फाइलात
लो उठा लिया है जाम फिर मैंने
तोड़ दी कसमें तमाम फिर मैंने
मिलती है राहत तो वाजिब पीना
कर दिया खुदको गुलाम फिर मैंने
जान लेंगें वो दर्दे दिल की वज़ह
छोड़ा है ख़त में निशान फिर मैंने
दिल है मेरा क्यों किसी को दे दूँ
कर दिया सबको सलाम मैंने
मैं कहीं भी हूँ लापता अब नहीं
रखा है खुद पे इनाम फिर मैंने
दिल की तख्ती पे पिघली कलम से
लिखा है जलता कलाम फिर मैंने
कौन ज़िंदा है सितमगर यह बता
छोड़ी है लाश बेनाम फिर मैंने
आरज़ू भटकता फिरता है यहाँ
पाया है कैसा मोकाम फिर मैंने
आरज़ू-ए-अर्जुन
मात्रा ( 2121 2121 1122 या (2121))फाइलात
लो उठा लिया है जाम फिर मैंने
तोड़ दी कसमें तमाम फिर मैंने
मिलती है राहत तो वाजिब पीना
कर दिया खुदको गुलाम फिर मैंने
जान लेंगें वो दर्दे दिल की वज़ह
छोड़ा है ख़त में निशान फिर मैंने
दिल है मेरा क्यों किसी को दे दूँ
कर दिया सबको सलाम मैंने
मैं कहीं भी हूँ लापता अब नहीं
रखा है खुद पे इनाम फिर मैंने
दिल की तख्ती पे पिघली कलम से
लिखा है जलता कलाम फिर मैंने
कौन ज़िंदा है सितमगर यह बता
छोड़ी है लाश बेनाम फिर मैंने
आरज़ू भटकता फिरता है यहाँ
पाया है कैसा मोकाम फिर मैंने
आरज़ू-ए-अर्जुन
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