" चलते चलते "
बहुत तनहा है इन राहों पे हम
दो कदम ही सही साथ तो दो
तुझे पुकारती है ये राहें कब से
कहीं से ही सही हाथ तो दो
ये दिल महसूस करना चाहता है तुझे
सीने से लगाकर वो एहसास तो दो
संग तेरे भीगना चाहता है यह मन
मोहब्बत से भरी वो बरसात तो दो
हाथो में हाथ लिए बस चलता रहूँ उम्रभर
वो शबनमी सहर और महकती रात तो दो
होंगे जवाब तमाम मेरी आँखों में सनम
मेरी आँखों में देखकर चंद सवालात तो दो
जी लूंगा मैं उन हसीं यादों के सहारे
तेरी चाहत में डूबे वो लम्हात तो दो
एक बार जुबाँ से इज़हार तो कर
भीगी पलकों से वो ज़ज़्बात तो दो
मैं मिट के भी सजा सकता हूँ तुझे
झूठा ही सही एक वादा ख़ास तो दो
नहीं चाहता मैं मर जाऊं ऐसे ही हमनशीं
इस अंजानी चाहत को एक पहचान तो दो.
आरज़ू-ए-अर्जुन
बहुत तनहा है इन राहों पे हम
दो कदम ही सही साथ तो दो
तुझे पुकारती है ये राहें कब से
कहीं से ही सही हाथ तो दो
ये दिल महसूस करना चाहता है तुझे
सीने से लगाकर वो एहसास तो दो
संग तेरे भीगना चाहता है यह मन
मोहब्बत से भरी वो बरसात तो दो
हाथो में हाथ लिए बस चलता रहूँ उम्रभर
वो शबनमी सहर और महकती रात तो दो
होंगे जवाब तमाम मेरी आँखों में सनम
मेरी आँखों में देखकर चंद सवालात तो दो
जी लूंगा मैं उन हसीं यादों के सहारे
तेरी चाहत में डूबे वो लम्हात तो दो
एक बार जुबाँ से इज़हार तो कर
भीगी पलकों से वो ज़ज़्बात तो दो
मैं मिट के भी सजा सकता हूँ तुझे
झूठा ही सही एक वादा ख़ास तो दो
नहीं चाहता मैं मर जाऊं ऐसे ही हमनशीं
इस अंजानी चाहत को एक पहचान तो दो.
आरज़ू-ए-अर्जुन
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