"तेरा अक़्स मिले " तेरे संग मैं देखूँ सुबह तेरे संग मेरी शाम ढले तू बसा हो मेरी सांसों में तेरी साँस से मेरी साँस चले फिर थाम कर तेरी बाहों को यूँ हीं अंजान सी राहों को तेरे पैरों के निशान पर मेरे पैरों के निशान पड़े तू रुके तो थम जाऊं मैं तू चले बढ़ जाऊं मैं तू थके तो करूँ जुल्फों की छाया तू हसे तो लगे कुदरत की माया ये ज़मीन भी आसमां भी मेरे संग तेरा सजदा करे तेरी आँखों में मंजिल हो मेरी और बातों में मंजिल का पता तेरी राहों की रौशनी खातिर मेरे ये दो नैन जलते रहें मैं खुद को भी भूल जाऊं तेरे सीने से लगकर आरज़ू तुझे हर जन्म में पाने की खातिर मेरी दुआओं का सिलसिला चले जब बंद होंगी आँखे मेरी तो खोल कर देखना ज़रूर मैंने ख़ुदा से कह रखा है मेरी आँखों में तेरा अक्स मिले. मैंने ख़ुदा से कह रखा है मेरी आँखों में तेरा अक्स मिले. आरज़ू-ए-अर्जुन
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