EK GEET
वो कौन सी शाम थी
जिसमें शामिल नहीं तू
वो कौन सी आरज़ू
जिसमें शामिल नहीं तू
शामों सहर मेरी नज़र तू-ही-तू
देखूँ जिधर आये नज़र तू-ही-तू
वो कौन सी......
मेरी आँखों में, मेरी बातों में, मेरी सांसों में
खुशबू तेरी।
मेरी रातों में,ज़ज़्बातों में, एहसासों में
खुशबू तेरी
आओ कभी मेरे सनम रु-ब-रु
तू ही मेरी मेरे सनम आ-र-ज़ू
वो कौन सी.......
तू वफ़ा मेरी, तू सदा मेरी, तू रिदा मेरी
पहचान तू
हमनवां मेरी, कहकशा मेरी, दिलरुबा मेरी
जान भी तू
दिल में रहे तेरी सदा जु-स्त-ज़ू
तू ही मेरी मेरे सनम आ-ब-रु।
वो कौन सी शाम थी
जिसमें शामिल नहीं तू।
आरज़ू-ए-अर्जुन
वो कौन सी शाम थी
जिसमें शामिल नहीं तू
वो कौन सी आरज़ू
जिसमें शामिल नहीं तू
शामों सहर मेरी नज़र तू-ही-तू
देखूँ जिधर आये नज़र तू-ही-तू
वो कौन सी......
मेरी आँखों में, मेरी बातों में, मेरी सांसों में
खुशबू तेरी।
मेरी रातों में,ज़ज़्बातों में, एहसासों में
खुशबू तेरी
आओ कभी मेरे सनम रु-ब-रु
तू ही मेरी मेरे सनम आ-र-ज़ू
वो कौन सी.......
तू वफ़ा मेरी, तू सदा मेरी, तू रिदा मेरी
पहचान तू
हमनवां मेरी, कहकशा मेरी, दिलरुबा मेरी
जान भी तू
दिल में रहे तेरी सदा जु-स्त-ज़ू
तू ही मेरी मेरे सनम आ-ब-रु।
वो कौन सी शाम थी
जिसमें शामिल नहीं तू।
आरज़ू-ए-अर्जुन
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