................राधे श्याम...................
तेरी मुरली भुलाये. काम सारे
बसा मन में मेरे मोहन तू प्यारे
सताये गोपियों को शाम सुंदर
कभी होरी में उनपे रंग डारे
हो मुरलीधर कभी गिरिधर तू कान्हा
है लाखों नाम दुनिया में तुम्हारे
तुम्हीं गीता तुम्हीं हो सार उसका
तुम्हीं हो मार्ग दर्शक भी हमारे
है दिल में क्या छुपा सब जानते हो
भरी झोली तुम्हें जो भी पुकारे
जो तुझको इक नज़र बस देखे मोहन
बता कैसे न दिल अपना वो हारे
तेरे दर का भिखारी आरज़ू है
पड़ा है दर पे वो तेरे सहारे
आरज़ू-ए-अर्जुन
तेरी मुरली भुलाये. काम सारे
बसा मन में मेरे मोहन तू प्यारे
सताये गोपियों को शाम सुंदर
कभी होरी में उनपे रंग डारे
हो मुरलीधर कभी गिरिधर तू कान्हा
है लाखों नाम दुनिया में तुम्हारे
तुम्हीं गीता तुम्हीं हो सार उसका
तुम्हीं हो मार्ग दर्शक भी हमारे
है दिल में क्या छुपा सब जानते हो
भरी झोली तुम्हें जो भी पुकारे
जो तुझको इक नज़र बस देखे मोहन
बता कैसे न दिल अपना वो हारे
तेरे दर का भिखारी आरज़ू है
पड़ा है दर पे वो तेरे सहारे
आरज़ू-ए-अर्जुन
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