आदाब
क्यों किनारे बैठे हो सागर में आ कर देख लो
क्या मिलेगा बैठ कर गोता लगा कर देख लो
आग से गुज़रा *कनक, कुंदन तभी वो बन सका
तुम भी चमकोगे यहाँ, ख़ुद को जला कर देख लो
ज़िंदगी की जंग भी तुम जीत जाओगे बशर
हौसले की ढ़ाल तुम अपनी बना कर देख लो
आसमां की ये बुलंदी तेरी भी हो सकती है
जौफ़ से अपने परों को आजमा कर देख लो
इतना भी मुश्किल नहीं जीना सदाकत से यहां
छोड़ दो तुम सर झुकाना, सर उठा कर देख लो
साथ चल सकते कदम तेरे यहाँ पर वक्त के
बस ज़रा रफ़्तार थोड़ी सी बढ़ा कर देख लो
कामयाबी भी मिलेगी शोहरतों के बाम पे
इक दफ़ा खुद को ज़रा ऊँचा उठा कर देख लो
टिक नहीं पाएंगे ये ग़म ज़िंदगी के 'आरज़ू '
इन ग़मों को सामने से मुस्कुरा कर देख लो
कनक= सोना
आरज़ू-ए-अर्जुन
क्यों किनारे बैठे हो सागर में आ कर देख लो
क्या मिलेगा बैठ कर गोता लगा कर देख लो
आग से गुज़रा *कनक, कुंदन तभी वो बन सका
तुम भी चमकोगे यहाँ, ख़ुद को जला कर देख लो
ज़िंदगी की जंग भी तुम जीत जाओगे बशर
हौसले की ढ़ाल तुम अपनी बना कर देख लो
आसमां की ये बुलंदी तेरी भी हो सकती है
जौफ़ से अपने परों को आजमा कर देख लो
इतना भी मुश्किल नहीं जीना सदाकत से यहां
छोड़ दो तुम सर झुकाना, सर उठा कर देख लो
साथ चल सकते कदम तेरे यहाँ पर वक्त के
बस ज़रा रफ़्तार थोड़ी सी बढ़ा कर देख लो
कामयाबी भी मिलेगी शोहरतों के बाम पे
इक दफ़ा खुद को ज़रा ऊँचा उठा कर देख लो
टिक नहीं पाएंगे ये ग़म ज़िंदगी के 'आरज़ू '
इन ग़मों को सामने से मुस्कुरा कर देख लो
कनक= सोना
आरज़ू-ए-अर्जुन
Comments
Post a Comment