आदाब
करो मत मुझे रौशनी के हवाले
ये हैं बेवफ़ा, बेमुरव्वत उजाले
अंधेरा भी करता है इंसां को रौशन
बुरे वक्त को चल गले से लगाले
बड़ी तेज़ रफ्तार है ज़िंदगी की
कदम से कदम ज़िंदगी के मिलाले
भरी बज्म में मैं ग़ज़ल पढ़ रहा हूँ
कहीं दिख न जाएँ मेरे दिल के छाले
मिली क्या कभी राह-ए-उल्फत में मंज़िल
गए सारे तन्हा वो आशिक़ निराले
न छोड़ो कभी जूठ थाली में यारो
बड़ी मुश्किलों से हैं मिलते निवाले
निगाहों में रखते हैं आयत कुरां की
दिलों में हमारे मिलेंगे शिवाले
है तकदीर तेरी तेरे हाथ में ही
फनां कर खुदी को यां खुद को सजाले
मिलाओ नई नस्ल को देश से भी
विरासत वतन की है तेरे हवाले
अभी 'आरज़ू' रात लंबी मगर कल
तुम्हारे लिए मुंतज़िर है उजाले
आरज़ू-ए-अर्जुन
करो मत मुझे रौशनी के हवाले
ये हैं बेवफ़ा, बेमुरव्वत उजाले
अंधेरा भी करता है इंसां को रौशन
बुरे वक्त को चल गले से लगाले
बड़ी तेज़ रफ्तार है ज़िंदगी की
कदम से कदम ज़िंदगी के मिलाले
भरी बज्म में मैं ग़ज़ल पढ़ रहा हूँ
कहीं दिख न जाएँ मेरे दिल के छाले
मिली क्या कभी राह-ए-उल्फत में मंज़िल
गए सारे तन्हा वो आशिक़ निराले
न छोड़ो कभी जूठ थाली में यारो
बड़ी मुश्किलों से हैं मिलते निवाले
निगाहों में रखते हैं आयत कुरां की
दिलों में हमारे मिलेंगे शिवाले
है तकदीर तेरी तेरे हाथ में ही
फनां कर खुदी को यां खुद को सजाले
मिलाओ नई नस्ल को देश से भी
विरासत वतन की है तेरे हवाले
अभी 'आरज़ू' रात लंबी मगर कल
तुम्हारे लिए मुंतज़िर है उजाले
आरज़ू-ए-अर्जुन
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