आदाब
तुम्हारे बिन रहा जाता नहीं है
सिवा तेरे कोई भाता नहीं है
सुनो यारा सभी के सामने अब
जबरदस्ती हसा जाता नहीं है
ज़रा सी बात थी लड़कर गए हो
मनाऊँ किस तरह आता नहीं
तुम्हारी बेरुखी हर पल सताये
कहीं भी चैन दिल पाता नहीं है
मेरी पलकों पे ठहरा है वो लम्हा
है ठहरा क्यों गुज़र जाता नहीं है
सितम किस किस तरह से अंजुमन में
सितमगर मुझपे तू ढ़ाता नहीं है
चले आओ कहाँ हो 'आरज़ू' तुम
ये तन्हा दिल संभल पाता नहीं है
आरज़ू -ए-अर्जुन
तुम्हारे बिन रहा जाता नहीं है
सिवा तेरे कोई भाता नहीं है
सुनो यारा सभी के सामने अब
जबरदस्ती हसा जाता नहीं है
ज़रा सी बात थी लड़कर गए हो
मनाऊँ किस तरह आता नहीं
तुम्हारी बेरुखी हर पल सताये
कहीं भी चैन दिल पाता नहीं है
मेरी पलकों पे ठहरा है वो लम्हा
है ठहरा क्यों गुज़र जाता नहीं है
सितम किस किस तरह से अंजुमन में
सितमगर मुझपे तू ढ़ाता नहीं है
चले आओ कहाँ हो 'आरज़ू' तुम
ये तन्हा दिल संभल पाता नहीं है
आरज़ू -ए-अर्जुन
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