आदाब
जहाँ से शुरू है जवानी हमारी
वहीं से शुरू है कहानी हमारी
तुम्हें आजभी दिलपे लिक्खा मिलेगा
उसी पेड़ पे वो निशानी हमारी
कहाँ तोहफे अब रिझाते हैं उनको
वो तारीफ़ चाहें ज़ुबानी हमारी
चलोगे जहाँ तक चलेंगे वहां हम
तेरे साथ है ज़िन्दगानी हमारी
हमारी शरीक-ए-हयात बन गई वो
लो मंहगी पड़ी छेड़खानी हमारी
हमारी नज़र को समझती है कितना
ये बेटी हुई कब सयानी हमारी
जो चोरी से खींची थी कल दोस्तों ने
वो. फोटो. लगे. अब. पुरानी हमारी
ये. है. आरज़ू. ज़िंदगी. का तकाज़ा
हमें मोड़ देती कहानी हमारी
आरज़ू -ए-अर्जुन
जहाँ से शुरू है जवानी हमारी
वहीं से शुरू है कहानी हमारी
तुम्हें आजभी दिलपे लिक्खा मिलेगा
उसी पेड़ पे वो निशानी हमारी
कहाँ तोहफे अब रिझाते हैं उनको
वो तारीफ़ चाहें ज़ुबानी हमारी
चलोगे जहाँ तक चलेंगे वहां हम
तेरे साथ है ज़िन्दगानी हमारी
हमारी शरीक-ए-हयात बन गई वो
लो मंहगी पड़ी छेड़खानी हमारी
हमारी नज़र को समझती है कितना
ये बेटी हुई कब सयानी हमारी
जो चोरी से खींची थी कल दोस्तों ने
वो. फोटो. लगे. अब. पुरानी हमारी
ये. है. आरज़ू. ज़िंदगी. का तकाज़ा
हमें मोड़ देती कहानी हमारी
आरज़ू -ए-अर्जुन
Comments
Post a Comment