आदाब
आजकल दिल की आवाज़ सुनता नहीं
बात कितनी भी वाजिब हो करता नहीं
पर कतर से दिए हैं यूं हालात ने
अब कफ़स में ही ख़ुश हूँ मैं उड़ता नहीं
चारसू. तीरगी. है. जहाँ. देख. लो
ज़िक्र तारों का भी कोई करता नहीं
आज. हालात. मेरे. कुछ. ऐसे. हुए
राह सीधी भी हो पर मैं चलता नहीं
मैं फिसल जाता हूँ राह सूखी पे भी
राह चिकनी पे भी था फिसलता नहीं
आज. फ़ैशन. रूमालों. का. है. दोस्तो
अब दुपट्टा बाजा़रों में बिकता नहीं
जब से खाबों ने आंखें जलाई मेरी
दिल में ख़ाबों के टुकड़े भी रखता नहीं
दोस्ती दुश्मनी अब दिखे एक सी
फर्क दोनों में कुछ भी तो दिखता नहीं
कौन सा रिश्ता तुमको लगे पाक सा
दाग ही दाग है तुमको दिखता नहीं
अपने साये से भी खौफ़ खाता है अब
आरज़ू' धूप में आज चलता नहीं
आरज़ू -ए-अर्जुन
आजकल दिल की आवाज़ सुनता नहीं
बात कितनी भी वाजिब हो करता नहीं
पर कतर से दिए हैं यूं हालात ने
अब कफ़स में ही ख़ुश हूँ मैं उड़ता नहीं
चारसू. तीरगी. है. जहाँ. देख. लो
ज़िक्र तारों का भी कोई करता नहीं
आज. हालात. मेरे. कुछ. ऐसे. हुए
राह सीधी भी हो पर मैं चलता नहीं
मैं फिसल जाता हूँ राह सूखी पे भी
राह चिकनी पे भी था फिसलता नहीं
आज. फ़ैशन. रूमालों. का. है. दोस्तो
अब दुपट्टा बाजा़रों में बिकता नहीं
जब से खाबों ने आंखें जलाई मेरी
दिल में ख़ाबों के टुकड़े भी रखता नहीं
दोस्ती दुश्मनी अब दिखे एक सी
फर्क दोनों में कुछ भी तो दिखता नहीं
कौन सा रिश्ता तुमको लगे पाक सा
दाग ही दाग है तुमको दिखता नहीं
अपने साये से भी खौफ़ खाता है अब
आरज़ू' धूप में आज चलता नहीं
आरज़ू -ए-अर्जुन
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