"जुनून " चलो कहीं से भी यारो सफर की शुरुआत तो हो राहें तो मिल ही जाएँगी पहले मंजिल ख़ास तो हो देख लेंगें आँधियों को भी राह में एक मुलाक़ात तो हो हार जाएगी ये हार एक दिन हममें जीतने वाली बात तो हो कल का सूरज तेरा होगा पहले उलझती एक रात तो हो मंजिल मिले सभी को आरज़ू वो ज़ज़्बे जुनून के हालात तो हो आरज़ू-ए-अर्जुन
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