गीत ( तुम ख्यालों में भी जब )
तुम ख्यालों में भी जब छू लेते हो
और भी खुशनसीब हो जाते है
रोक लो आँखों को गुस्ताखियाँ
करने लगी यह मनचली
रोक लो होटों को वह दास्ताँ
कहने लगी जो अनकही
चुपके से आ, कहदो ज़रा, दिल में तेरे, क्या है बता
तुम ख्यालों ----------------------------------
चांदनी रातों में यह चाँद सा
चेहरा तेरा पागल करे
संगेमरमर सा ये तेरा बदन
मुझको सनम कातिल लगे
किसने कहा, कातिल नहीं, तेरी सनम, हर इक अदा
तुम ख्यालों -----------------------------------
तुम ख्यालों में भी जब छू लेते हो
और भी खुशनसीब हो जाते है
आरज़ू-ए-अर्जुन
तुम ख्यालों में भी जब छू लेते हो
और भी खुशनसीब हो जाते है
रोक लो आँखों को गुस्ताखियाँ
करने लगी यह मनचली
रोक लो होटों को वह दास्ताँ
कहने लगी जो अनकही
चुपके से आ, कहदो ज़रा, दिल में तेरे, क्या है बता
तुम ख्यालों ----------------------------------
चांदनी रातों में यह चाँद सा
चेहरा तेरा पागल करे
संगेमरमर सा ये तेरा बदन
मुझको सनम कातिल लगे
किसने कहा, कातिल नहीं, तेरी सनम, हर इक अदा
तुम ख्यालों -----------------------------------
तुम ख्यालों में भी जब छू लेते हो
और भी खुशनसीब हो जाते है
आरज़ू-ए-अर्जुन
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