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" अधूरी सी कहानी "


 " अधूरी सी कहानी "

चलो फिर से लिखे वो अधूरी सी कहानी
जिस में मैं था, तुम थी और वो अधूरी सी जवानी
थी कितनी बातें तेरे लबों पे और कितनी हसरतें थी मेरी ज़बानी
चलो लिख दें इस बार अपनी हर सांस एक दूजे के लिए
चलो लिख दें इस बार तमाम उमृ एक दूजे के लिए
और हाथ यू़ थामे के छुडा न सके ये
ज़िंदगानी
चलो फिर से लिखे वो अधूरी सी कहानी

थी तमनना तेरे जुलफों तले खो जाने की
थी तमनना तेरे आँचल तले सो जाने की
थी तमनना तेरा जनम जनम का हो जानें की
तुम चाहते थे के अब ये हाथ छूटे न कभी
तुम चाहते थे के अब ये साथ छूटे न कभी
चलो करें आसान वो तमाम सी परेशानी
चलो फिर से लिखे वो अधूरी सी कहानी

याद है वो सुनहरा खाब तेरी सुरमयी आखों का
दूर कहीं एक छोटा सा घर हो सुरखाबों का
हो रोशन ही रोशन उस घर की हर दीवार
और आँगन मे खेलते हो सच्च हुए से ख्वाब
फिर रात दिन गुजरें एक दूसरे की बाहों मे
चलो खोज लाए फिर से वो हिम्मतें तूफ़ानी
चलो फिर से लिखे वो अधूरी सी कहानी

देखना इस बार कोई कड़ी कमजोर न रहे
देखना इस बार किसी का जो़र न रहे
मन ही मन में हर मुद्दे पे बात सी हो
दो दिल के दरम्यान न कोई हार-जीत सी हो
तुम समाओ रूह मे मेरी और मैं तुझमें खो जाऊँ
चलो इस बार जि़दगी को भी होने दो हैरानी
चलो फिर से लिखे वो अधूरी सी कहानी.

 "आरज़ू"

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